गेटिंग थिंग्स डन : डेविड एलन द्वारा हिंदी ऑडियो बुक | Getting Things Done : by David Allen Hindi Audiobook

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Getting Things Done Hindi Audiobook का संक्षिप्त विवरण : आपको ऐसी अनेक पुस्तकें मिलेंगी, जो काम की आदतों, सेहत, उत्पादकता और जीवन में आपकी सफलता में सुधार के लिए सलाह देती हैं। उनमें से कुछ बातें तो केवल सामान्य बुद्धि की ही होती हैं। उसमें से कुछ किताबें किसी काम की नहीं होतीं और कुछ केवल एक बार पढ़ने योग्य होती हैं और आप उ्हें पढ़ने के कुछ घंटों या दिनों के बाद भुला देते हैं।
यह किताब उन मायनों में अलग है। यह पहली बार प्रकाशित होने के बाद से लगातार बिकती आ रही है और डेविड एलन के प्रोग्राम और दर्शन के आकार और अंतर्राष्ट्रीय पहल में वृद्धि हुई है। मैंने स्वयं इस पुस्तक के पहले संस्करण को बहुत ध्यान से पढ़ा था और तभी से हर एकाध साल में दोबारा पढ़ता आ रहा था इसलिए यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आप सबको इसका अधिक विकसित और संशोधित संस्करण पढ़ने का अवसर मिल रहा है। गेटिंग थिंग्स डन सबसे अलग क्यों है? यदि महत्ता के अनुसार देखें तो मैं इसकी तीन खूबियों की बात करना चाहता हूँ, जिनमें से प्रत्येक लगभग हर अध्याय में झलकती है। व्यावहारिकता- यह किताब अपने आपमें व्यावहारिक पहल रखती है। कई आत्म सुधार योजनाएँ इसी वादे के साथ आरंभ होती हैं कि ‘कल से सब कुछ अलग तरह से होना चाहिए।’ अगर आप चालीस पौंड भार घटाना चाहें, वित्तीय भाग्य को बस में करना चाहें, परिवार को मज़बूत बनाना चाहें या अपने सपनों का कैरियर पाना चाहें तो आपको जीवन के प्रत्येक पहलू में बदलाव लाने के लिए योजना बनानी होगी।
अक्सर लोग प्रोग्राम का हिस्सा बनने के बाद इन बड़े बदलावों के लिए हामी भरते हैं, सेहत खराब होने पर नए आहार और जीवनशैली की बात करते हैं और यहाँ तक कहते हैं कि पेशेवर यानी व्यावसायिक दुनिया से विदा लेने के बाद किसी आश्रम में रहना चाहेंगे। परंतु अधिकतर लोगों के लिए, अधिकतर बार, इस तरह की पहल दीर्घकालिन रूप से कारगर होती है। इस तरह यदि पहल का कोई एक भाग भूल जाए या वे उसे पूरा न कर सकें, तो उन्हें सारे भाग का त्याग नहीं करना पड़ता।
डेविड एलन अपने पाठकों के लिए जो आकांक्षा रखते हैं, वह सभी दूसरी पुस्तकों से कहीं अधिक है। वे चाहते हैं कि लोगों को अपने काम और निजी जीवन के बीच तनाव से मुक्ति मिले ताकि वे अपने अस्तित्व के प्रत्येक क्षण का अपने उद्देश्य से मेल कर सकें। हालाँकि कुछ अपवाद भी हैं जैसे, वे चाहते हैं कि आप चीज़ों को कैप्चर करने की आदत डालें ताकि आप स्वयं को हर चीज़ याद रखने की यातना से बचाते हुए, सब कुछ लिखने और रिकॉर्ड करने की आदत डाल सकें। यह सब किसी एक जगह पर केंद्रित हो और इतना भरोसेमंद हो कि आप इस सिस्टम का पूरा लाभ ले सकें। यह पुस्तक ऐसे सुझावों से भरी है कि इन्हें पूरी तरह से अपनाने पर लाभ ही लाभ है। हालाँकि आप आँ’शिक उपयोग से भी लाभ पा सकते हैं। इस पुस्तक की समायोजनशीलता को इसकी दूसरी खूबी कह सकते हैं। दशकों से, जब से डेवि0िड काम और जीवन की पहल के बारे में बताते आ रहे हैं, निजी संगठनों के कुछ व्यावहारिक लक्ष्य ज्यों के त्यों रहे हैं। भले ही हम नींद के घंटे कम कर लें पर दिन के घंटे उतने ही रहेंगे। हम बहुत से लोगों से संपर्क रख सकते हैं, कई लोगों के लिए बहुत सारे काम कर सकते हैं पर काम और जीवन के अन्य पहलुओं में अंतर आया है। जब पुस्तक का पहला संस्करण आया, तो ई-मेल की सुविधा नई थी और वह पेशेवर जीवन का अभिन्न अंग नहीं बनी थी। डेविड एलन के तकनीकी प्रोजेक्ट्स में से एक था, ‘एक्शनीर’, यह अर्ली पाम पायलट के लिए एक टास्क-मैनेजमेंट सिस्टम था। अब आप कंपनी और उसके क्रांतिकारी पायलट नहीं रहें और उनकी जगह आई-फोन, एंड्रायड स्मार्टफोन ने ले ली है, इसके बाद भी बहुत कुछ अकल्पनीय सामने आनेवाला है।
इस पुस्तक के नए संस्करण में, डेविड इस नए युग की तकनीक से पूरी तरह से परिचित हैं। परंतु इस युग की हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की ही बात करनेवाली अन्य प्रबंधन पुस्तकों से अलग (अस्सी के दशक में फाइलोफैक्स, स्प्रेडशीट या पावरप्वाईंट डैक) गेटिंग थिंग्स डन इनका संदर्भ तो देती है परंतु किसी विशेष बाहरी तंत्र पर निर्भर नहीं है। डेविड ने किताब में अपने परामरशों को आधुनिक तकनीक और आधुनिक मस्तिष्क विज्ञान की खोजों के अनुसार विकसित कर दिया है। परंतु उनका नज़रिया हमेशा इसी बात से बंधा रहा कि लोग अपने ध्यान, भाव और रचनात्मकता का प्रबंधन कैसे करते हैं। अगर यह किताब आज से आगे भी अनेक साल पढ़ी जाती रहेगी, जिसकी मुझे पूरी आशा है, तो उस युग के लोग भी प्रचलन से बाहर बातों को छोड़कर, मनुष्य के स्वभाव के प्रासंगिक लक्षणों को जान सकेंगे।
कुछ लोगों को लगेगा कि उन्हें इस किताब की ज़रूरत नहीं है। पूरी दुनिया में, कई युगों से बहुत से लोग सफल और संतोषदायक जीवन जीते आ रहे हैं जबकि उन्होंने गेटिंग थिंग्स डन की पहली किताब भी नहीं पढ़ी। परंतु मैं जिन लोगों को जानता हूँ, उनमें से अधिकतर ने इस किताब को पढ़ने के बाद इसके संदेश और निहितार्थ का पूरा लाभ उठाया है। मेरे लिए इस पुस्तक की दो परीक्षा थीं कि क्‍या मैं इसे पढ़ने के दो माह बाद भी याद करूँगा या यह मेरे संसार के प्रति दृष्टिकोण को बदलेगी? गेटिंग थिंग्स डन इन दोनों परीक्षाओं पर खरी रही। मुझे खुशी है कि नई पीढ़ी के पाठकों को इससे परिचय पाने का अवसर दिया गया है।

“संभावनाओं की सीमाओं का पता लगाने का एकमात्र रास्ता है कि उनसे आगे बढ़कर असंभव तक पहुंचा जाए।” ‐ आर्थर सी. क्लार्क

“The only way of finding the limits of the possible is by going beyond them into the impossible.” ‐ Arthur C. Clarke

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